Tuesday, August 25, 2009

भारत के सबसे बड़े ज्योतिषी से मिलिए

जी हाँ। आइये आपको मिलवाते हैं हमारे देश क्या शायद पूरे विश्व के सबसे बड़े ज्योतिषी से ॥ ना ना , चोंकिये मत, सबसे बड़ा इसलिए कहा क्यूँकी शायद ही कोई दूसरे ऐसे ज्योतिषी हों जो बमुश्किल २० से ३० सेकंड्स में गणना करके ये तक बता दे कि पिछले जनम में आप क्या थे। है ना मजे की बात?

चलिए अब जादा पहेलियाँ ना बुझाते हुए मिलवा ही देते हैं उनसे। और वो हैं माननीय "59595". देखा, चोंक गए ना। चलिए कोई बात नही, अब पूरा माजरा बता ही देते हैं आपको। वो हुआ यूँ की अचानक हमारे मोबाईल पर एक संदेश आया जिसका मजमून कुछ ऐसा था -
"अब अपने पिछले जन्म के बारे में जानना कितना आसान, सिर्फ़ अपनी जन्म तिथि लिख कर हमें भेजिए और जानिए की आप पिछले जन्म में क्या थेशुल्क /- "

ऐसा नही है कि इस तरह के sms कोई नई बात हो, अक्सर ही जानिए आपका दिन कैसा होगा या क्या कहते हैं आपके सितारे टाईप sms तो बहुत देखे सुने थे और कभी उनको भाव भी नही दिया, पर इस sms ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर किस तरह भांति भांति के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं भोली जनता को उल्लू बनाने के लिए॥ माना कि पैसे कमाने का सोचना कोई ग़लत बात नही पर इस तरह?? पर कही भी किसी भी बात की कोई रोक टोक नही है, क्यूँकी इस सबके पीछे वही पैसे का खेल है। आजकल ये sms मार्केटिंग का ऐसा दौर आया है कि जहाँ देखो वहां बस ऐसे sms। टीवी हो, रेडियो हो, समाचार पत्र या मोबाईल, हर जगह ये sms का ऐसा माहोल बना है कि अब लोग भी ये भूल जाते हैं कि इस सबके पीछे सिर्फ़ और सिर्फ़ पैसे कमाने का खेल है॥

ऐसे ज्योतिषियों का ना तो कोई अता पता होता है, ना ऐसी गणनाओं के पीछे कोई लॉजिक। भला ये कैसे सम्भव है कि केवल जन्मतिथि से किसी का पिछला जन्म पता चल जाए.. इसका तो वही मतलब हुआ कि मेरी जन्मतिथि वाले दुनिया के सभी लोग पिछले जन्म में एक ही चीज थे। वाह, क्या कमाल है॥
केवल चेक करने के लिए हमने भी अपने २ रुपये का चूना लगाया और जवाब पाकर समझ नही आया कि कैसे react किया जाए। इन महान ज्योतिषी के अनुसार हम एक सिविल इंजीनिअर थे और वो भी बहुत मेहनती। हमने दूसरे नम्बर से २ रुपये गँवाए और वहां भी यही जवाब मिला। उसके बाद हिम्मत नही हुई कि कोई और जन्मतिथि भर के देखने का॥ और आप से भी निवेदन है कि ऐसे ज्योतिषिओं से दूर ही रहें, क्यूँकी आपको तो केवल २ रुपये कि बात लगेगी पर ऐसे २-२ रुपये करके ऐसे ढोंगी ज्योतिषी करोड़ों कमा लेंगे।

Sunday, August 16, 2009

अतीत के झरोखे से..स्वतंत्रता दिवस १९४७

अतीत के झरोखे से कुछ तस्वीरें - प्रथम स्वतंत्रता दिवस - १९४७.













Wednesday, May 20, 2009

कितना बड़ा षड़यंत्र....




ना ना , डरिये नहीं, यहाँ किसी ख़ास षड़यंत्र के बारे में ना बताते हुए आपको बस ये बता रहा हूँ की आखिर षड़यंत्र होता क्या है..

दरअसल अभी अचानक एक बहुत पुरानी किताब में षड़यंत्र शब्द की विवेचना मिल गई, उसे पढ़ के ही ध्यान गया कि आखिर षड़यंत्र को षड़यंत्र क्यूँ कहते हैं. अगर हम षड़यंत्र का संधि - विग्रह करें तो पायेंगे कि ये मूलतः दो शब्दों से मिल कर बना हुआ शब्द है. षड़यंत्र मतलब षट + यन्त्र - यानी कि छः अलग अलग यंत्र. तो अब ये छः कौन कौन से यन्त्र हुए? चलिए जैसा मैंने पढ़ा वैसे का वैसे टिपिया दे रहा हूँ -

षड़यंत्र सफल करने के लिए छः तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है -

१- व्यूह रचना तैयार करना
२- विश्वास जीतना
३ - उसके बाद वार करने के लिए सही समय का इन्तजार करना
४ -वक़्त मिलते ही गले लगा कर खंजर घोंपना
५- सबूत नष्ट करना और
६- भाग जाना

तो अब ऐसे षड़यंत्र करने वालों से सावधान रहिये, और ब्लोगिंग करते रहिये...